इस महाशिवरात्रि – रुद्र मुद्रा सँग नमः शिवायम मंत्र जप कर – Task Master बनने का करें प्रयास! (Pioneer March 11, सौजन्य: विक्टोरा फॉउंडेशन, फरीदाबाद)
👁️ कौन करें रुद्र मुद्रा अभ्यास?
वो – सब जो अथक मानसिक ऐंवम शारीरिक श्रम कर – उन्नति शील पथ पर अग्रसर होना चाहते हों!
👁️ कैसे बनती है – रुद्र मुद्रा?
अग्नि-उर्जा के रूप को रुद्र भी कहा गया है!
भगवान रुद्र को समर्पित – रुद्र मुद्रा अभ्यास में – साधक को अति महत्त्वपूर्ण फायर एलिमेंट (थम्ब) से अग्नि-उर्जा प्राप्त होती है – इसलिए इसे रुद्र मुद्रा कहा जाता है!
ज्ञान ऐंवम मानसिक ऊर्जा, BRAIN, PITUITARY MASTER GLAND की प्रतीक तर्ज़नी उंगलियों सँग शारिरिक ऊर्जा, धैर्य ऐंवम MOTHER EARTH की प्रतीक – अनामिका उंगलियों की टिप्स को अग्नि शक्ति के प्रतीक – अंगुष्ठों की टिप्स सँग मिला कर रखने के अभ्यास से – सफलता के प्रतीक – सूर्य चक्र / मणिपुर चक्र सक्रिय होता है – जिससे समस्त बॉडी ऑर्गन्स (पृथ्वी) और ब्रेन (वायु तत्व) मजबूत हो – साधक को अचीवर होने बनने का कॉन्फिडेंस प्राप्त होता है!
👁️ नम शिवायम मन्त्र का क्या लाभ है?
नमः शिवायम मंत्र से जहाँ एक ओर – सूर्य चक्र सक्रिय हो – अग्नि-उर्जा सन्तुलित होती है, वहीं दूसरी ओर – चंद्र ऊर्जा भी सक्रिय हो – मानसिक स्थिरता सँग शाश्वत शांति भी प्राप्त होती है!