पुषाण हस्त मुद्रा से जठराग्नि मजबूत होती है। भरपेट भोजन भी अच्छे से पचता है सो मन ऐंवम शरीर का ठीक से पोषण होता है! नींद ऐंवम आलस नहीं आते हैं तथा याद्दाश्त बढ़ती है। परीक्षा के दिनों में यह मुद्रा विद्यार्थियों के लिए अति उपयोगी होगी।
इसे करने का तरीका:-

ऐसे करें
दाएं हाथ से अंगूठे, तर्जनी और मध्यमा उंगलियों के शीर्ष को मिलाएं। अनामिका तथा कनिष्ठा को सीधी रखें। फिर बाएं हाथ से अंगूठे, मध्यमा और अनामिका के अग्रभाग को मिलाएं। तर्जनी और कनिष्ठा को सीधी रखें। भोजन बाद अथवा कभी भी रोजाना 5 से 15-20 मिनट तक 2- 3 बार करें।